बचपन हॉस्पिटल्स: बच्चों में कब्ज के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

अक्सर लोग सोचते हैं कि कब्ज की समस्या केवल वयस्कों को होती है, लेकिन यह सच नहीं है। छोटे बच्चे हों या बड़े बच्चे, कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। वयस्कों को कब्ज होने पर वे अपनी समस्या दूसरों को बता सकते हैं, लेकिन जब बच्चों को कब्ज के लक्षण महसूस होते हैं तो वे इसे व्यक्त नहीं कर पाते। अच्छी बात यह है कि बच्चों में कब्ज की समस्या का अक्सर घरेलू उपायों से ही समाधान किया जा सकता है।
कब्ज क्या है? (What is Children Constipation?)
जब बच्चों की आंतों में तरल पदार्थों के अवशोषण में अधिक समय लगने लगता है, तो इससे मल सूखा और कठोर होकर जमा होने लगता है। इसकी वजह से बच्चों को मल त्यागने में कठिनाई होती है, और मल कम मात्रा में निकलता है। मल त्याग करते समय परेशानी होना या मल का कम आना ही कब्ज कहलाता है। जब आंतें स्वस्थ तरीके से काम नहीं कर पातीं और निकलने वाले मल की मात्रा कम हो जाती है, तो कब्ज के लक्षण महसूस होते हैं। कब्ज के कारण मल कठोर तो होता ही है, साथ ही उसकी चिकनाहट भी खत्म हो जाती है।
कब्ज के प्रकार (Children Constipation Types)
कब्ज मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:
- एक्यूट कॉन्स्टिपेशन (Acute Constipation): जब कब्ज बच्चों में दो सप्ताह से कम समय तक रहे।
- क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (Chronic Constipation): जब कब्ज बच्चों में दो सप्ताह से ज्यादा समय तक हो।
छोटे बच्चों में कब्ज के लक्षण (Symptoms of Children Constipation)
छोटे बच्चों में कब्ज के लक्षणों की पहचान इस प्रकार की जा सकती है:
- कठोर, रूखा और जोर लगाकर मल त्याग करना।
- हफ्ते में 3 बार से कम मल त्याग करना।
- मल त्याग करते समय दर्द होना।
- पेट में गैस रहना या पेट में भारीपन महसूस होना।
- बदहजमी।
- पैरों में दर्द।
- कमजोरी का अहसास।
- सिर में दर्द।
- यदि बच्चा मल त्याग करने से डरता हो क्योंकि उसे चोट पहुँचने का डर हो, तो वह इससे बचने का प्रयास कर सकता है।
बच्चों में कब्ज की समस्या होने के कारण (Causes of Constipation in Kids)
बच्चों में कब्ज के सामान्य कारण ये हो सकते हैं:
- आहार में परिवर्तन: जब छोटे बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपर का दूध या सूखे अन्न का सेवन करवाया जाता है। बच्चों के भोजन में पर्याप्त फाइबर युक्त फल, सब्जियां या तरल पदार्थ नहीं होने पर भी कब्ज की समस्या हो सकती है।
- बीमारी: जब बच्चा किसी अन्य रोग से ग्रसित हो जाता है और उसका खाना-पीना बंद हो जाता है।
- दिनचर्या में बदलाव: यात्रा या तनाव जैसी दिनचर्या में कोई परिवर्तन मल त्याग को प्रभावित कर सकता है।
- शौचालय के उपयोग में हिचकिचाहट: जब बच्चे घर से बाहर स्कूल जाते हैं तो वे स्कूल के शौचालय को प्रयोग करने में हिचकिचाहट महसूस करते हैं।
- डेयरी उत्पाद: डेयरी का दूध और अन्य उत्पाद भी बच्चों में कब्ज पैदा करने में सहायक हो सकते हैं।
- कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जो बच्चा अन्य कारणों से ले रहा है, उनसे भी कब्ज हो सकता है।
- पानी की कमी (Dehydration): शरीर में पानी की कमी होने पर कब्ज हो सकती है।
- अनियमित भोजन: समय पर भोजन नहीं करने से भी कब्ज हो सकती है।
- निष्क्रियता: शारीरिक गतिविधियों की कमी।
बच्चों के कब्ज के इलाज के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Constipation in Kids)
आप बच्चों में कब्ज की समस्या के लिए ये प्रभावी घरेलू उपचार अपना सकते हैं:
- शहद (Honey): कब्ज का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करने के लिए शहद और गर्म पानी का इस्तेमाल करें। सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर बच्चों को दें। इससे कब्ज दूर होती है। सुबह खाली पेट एक गिलास दूध में 1-2 चम्मच शहद और चीनी डालकर भी पिला सकते हैं।
- अंजीर (Anjeer): एक गिलास दूध में थोड़े अंजीर उबाल लें। इसे सोने से पहले अपने बच्चे को पिलाएं। यह उपाय कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।
- बेकिंग सोडा (Baking Soda): बेकिंग सोडा (मीठा सोडा) कब्ज में काफी फायदेमंद होता है। एक चौथाई कप गरम पानी में एक चम्मच मीठा सोडा मिलाकर बच्चों को पिलाएं।
- हल्दी (Turmeric): एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पिला दें। यह उपाय छोटे बच्चों के कब्ज को ठीक करने में मदद पहुंचाता है।
- त्रिफला (Triphala): कब्ज के लिए सबसे सही हर्बल इलाज त्रिफला है। कब्ज से ग्रसित बच्चे को एक चम्मच त्रिफला पानी या दूध में मिलाकर सोने से पहले दें।
- बादाम का तेल (Almond Oil): रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में 1 चम्मच बादाम का तेल डालकर बच्चे को पिलाएं। 15-20 दिन लगातार इस उपाय को करने से पुराना कब्ज ठीक हो जाता है।
- पपीता और अमरूद का जूस (Papaya and Guava Juice): कब्ज की शिकायत हो तो आपको पपीते और अमरूद का जूस निकालकर बच्चे को सेवन कराना चाहिए। यह लाभ देता है।
- मुनक्का (Munakka): 5-6 मुनक्कों को दूध में उबाल लें। पहले मुनक्का खाएं और बाद में दूध पी लें। यह उपाय छोटे बच्चों को लाभ पहुंचाता है।
- इसबगोल भूसी (Isabgol Husk): 10 ग्राम इसबगोल भूसी को 100 ग्राम दही में घोल लें। सुबह-शाम खाने से कब्ज की शिकायत खत्म हो जाती है।
- नींबू (Lemon): एक कप हल्के गर्म पानी में 1 नींबू निचोड़कर पिलाएं। इससे आंतों में जमा हुआ मल बाहर निकलता है।
- मुलेठी और अदरक (Mulethi and Ginger): पांच साल से अधिक की उम्र के बच्चों को कब्ज होने पर मुलेठी और अदरक का पेस्ट बना लें। इसे शहद के साथ दिन में तीन से चार बार खिलाएं।
- रेशेदार सब्जियां: अपने बच्चे को शलगम, गाजर, पत्ता गोभी, चुकंदर, लौकी, पालक जैसी रेशेदार सब्जियों का सेवन करवाएं।
- संतरे का जूस: बच्चे को कब्ज होने पर उसे एक गिलास संतरे के जूस में आधा गिलास पानी मिलाकर दिन में दो बार पिलाएं।
- गर्म पानी का टब: गुनगुने पानी को एक टब में डालें और कब्ज से ग्रसित बच्चे को उसमें बैठा दें। कम से कम 15-20 मिनट तक उसे गुनगुने पानी में खेलने दें।
- घी और दूध: एक गिलास दूध में 1-2 चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज पूरी तरह दूर हो सकती है।
- अलसी के बीज (Flaxseeds): अलसी के बीज का चूर्ण बना लें। रात में आधा चम्मच चूर्ण पानी के साथ दें।
- किशमिश (Raisins): आधा कप पानी में किशमिश भिगोएं, और फिर उन्हें मैश करें। उस पानी को बच्चे को दें।
कब्ज की समस्या में बच्चों का खान-पान (Children’s Diet in Constipation Problem)
कब्ज की परेशानी के दौरान बच्चों का खान-पान ऐसा होना चाहिए:
- कब्ज से पीड़ित बच्चों को चोकर सहित आटे की रोटी तथा हरी पत्तेदार सब्जियां खाने के लिए देनी चाहिए।
- बच्चों को अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए, जैसे-पपीता, संतरा, खजूर, नारियल, अमरूद, अंगूर, सेब, खीरा, गाजर, चुकंदर, बेल, अखरोट, अंजीर आदि।
- नींबू पानी, नारियल पानी, फल तथा सब्जियों का रस कब्ज से पीड़ित बच्चे की दिनचर्या में सम्मिलित करें।
- कच्चे पालक का रस हर रोज सुबह तथा शाम को पीने से कब्ज रोग पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
- बच्चों को सुबह के समय में उठते ही 1-2 गिलास पानी पिलाएं, और उसके बाद शौच के लिए भेजें।
- बच्चों को रोज 6-7 मुनक्का खाने को दें।
- कब्ज रोग से पीड़ित बच्चों को शाम के समय सूर्य की रोशनी से गर्म पानी पिलाएं। इसके बाद ‘इसबगोल की भूसी’ खाने के लिए दें।
- कब्ज से ग्रसित बच्चों को जब भूख लगे तभी खाना खाने को देना चाहिए।
- बच्चों में 1 गिलास गर्म दूध में 1 चम्मच एरण्ड का तेल (अरंडी का तेल) मिला लें। इसे पीने से कब्ज का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
कब्ज की समस्या में बच्चों की जीवनशैली (Children’s Lifestyle in Constipation Problem)
कब्ज की परेशानी के दौरान बच्चों की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिए:
- कब्ज से पीड़ित बच्चों को सुबह के समय में खुली हवा में रोजाना सैर कराएं।
- बच्चों को भोजन करने के बाद लगभग 5-10 मिनट तक वज्रासन में बैठना चाहिए।
- यदि सुबह के समय में वज्रासन का नियमित रूप से प्रयोग करें तो शौच जल्दी आ जाती है।
- पानी पीकर कई प्रकार के आसन करने से कब्ज रोग ठीक हो जाता है, जैसे – सर्पासन, कटि-चक्रासन, पादहस्तासन आदि।
- बच्चों के लिए प्राणायाम और योग अभ्यास भी फायदेमंद होते हैं।
बच्चों को कब्ज होने पर परहेज (Avoid These in Children’s Constipation Problem)
बच्चों को कब्ज की समस्या में निम्न चीजों से परहेज करना चाहिए:
- फास्ट फूड: बर्गर, फ्रेंच फ्राइज और पिज्जा जैसे फास्ट फूड खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व नहीं होते और इनसे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
- सफेद ब्रेड: बच्चों को सफेद ब्रेड न दें।
- चाय और कॉफी: बच्चों को चाय एवं कॉफी का भी अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
- रेड मीट: रेड मीट का सेवन बंद करा दें, क्योंकि इसमें फाइबर बहुत कम पाया जाता है और यह कब्ज को बढ़ा सकता है।
- चॉकलेट: चॉकलेट का सेवन बंद करा दें।
बच्चों के कब्ज की समस्या से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Constipation in Children)
छोटे बच्चे को कब्ज की परेशानी क्यों होती है?
तीनों दोषों के असंतुलित अवस्था में होने से एवं वात की प्रधानता के कारण बच्चों में कब्ज जैसी परेशानी होती है। आहार में फाइबर की कमी, पानी कम पीना और शारीरिक गतिविधियों की कमी भी प्रमुख कारण हैं।
अगर किसी व्यक्ति को उपरोक्त उपाय से फायदा नहीं मिला तो उसका क्या कारण हो सकता है?
कब्ज से ग्रसित बच्चों में जब घरेलू उपचार के साथ-साथ नियमित परहेज और जीवनशैली में बदलाव न किया गया हो, तो उसे उपाय से फायदा नहीं मिलता। बच्चों की जीवनशैली एवं खान-पान में बदलाव लाना आवश्यक है।
अधिक समय तक कब्ज रहने से कौन-सा रोग हो सकता है?
अधिक समय तक कब्ज होने से ये रोग हो सकते हैं:
- बवासीर (पाइल्स)
- बड़ी आंत में सूजन
- गैस्ट्रिक समस्या
- कब्ज अल्सर को जन्म दे सकता है।
- एनल फिशर (गुदा में दरार)
बच्चों को कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?
जब बच्चों में कब्ज 4-5 दिन से अधिक रहे, और मल त्यागने के समय खून निकले, या रक्त मिला मल आए, पेट में गंभीर दर्द हो, या बच्चा खाना-पीना छोड़ दे, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
बचपन हॉस्पिटल्स में हम आपके बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं। यदि आपके बच्चे को कब्ज की समस्या बनी रहती है, तो कृपया हमारे बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। स्वस्थ बच्चे ही एक स्वस्थ भविष्य की नींव हैं!