Bachpan Children's Hospital

बच्चे को सेहतमंद और बीमारियों से रखना है दूर तो जीवनशैली में लाएं ये बदलाव

अगर आप अपने बच्चे को सेहतमंद और बीमारियों से दूर रखना चाहती हैं तो जरूरी है कि सबसे पहले उसकी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं। हाल ही में लखनऊ के एक स्कूल में नवीं कक्षा के छात्र की हार्ट अटैक से हुई मौत ने सबको हैरान कर दिया। कुछ लोगों ने इसे जन्मजात बीमारी से जोड़ा, तो कुछ ने आधुनिक जीवनशैली से। देखा जाए तो कुदरत ने बच्चों का शरीर ऐसा बनाया है कि वे हर तरह के खान-पान और आदतों को झेल जाते हैं। चिकित्सक कहते हैं कि 10 साल की उम्र तक बच्चों की हार्ट आर्टरीज में ब्लॉक बनना शुरू हो जाता है, जिसका असर देर-सबेर गंभीर बीमारियों के रूप में दिखता है। आज इतनी छोटी उम्र में ही हार्ट अटैक के मामले सामने आने लगे हैं, जिसके प्रति मातापिता को सजग होने और बच्चों की जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है।

पौष्टिक और संतुलित आहार
बचपन से बच्चों को कलरफुल रेनबो डाइट दें। प्रत्येक मील में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन-मिनरल से भरपूर चीजें शामिल करें। फल-सब्जियां, दालें, दूध और दूध से बने पदार्थ ज्यादा से ज्यादा आहार में दें और हाइड्रेशन का ध्यान रखें।

रिफाइंड चीजों से परहेज
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चे को रोजाना 15-20 ग्राम या 3 चम्मच से अधिक चीनी देना नुकसानदायक है। टॉफी-चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, शेक, जूस जैसी रिफाइंड चीनी से बनी चीजें और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से बच्चों को दूर रखें। इनमें मौजूद रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।

जेब खर्च न दें
बच्चों में जेब खर्च देने की आदत न डालें या सीमित मात्रा में दें, ताकि वे दोस्तों के साथ स्कूल कैंटीन या बाहर अनहेल्दी चीजें न खाएं। कोशिश करें कि घर में बनी पौष्टिक चीजें या स्नैक्स उन्हें टिफिन में दें।

कुछ उपाय
बच्चों को बहुत समय तक बैठे न रहने दें। माता-पिता बच्चे की रुचि को परखें और दूसरी एक्टिविटी करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे बच्चा मोटापे और बीमारियों से बचेगा। बच्चे को आउटडोर फिजिकल एक्टिविटीज के लिए प्रोत्साहित करें। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हर बच्चे को कम से कम 3-4 घंटे एक्टिव रहना जरूरी है। इससे दिल की कसरत होती है और बच्चा स्वस्थ रहता है। बच्चे को आप स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक सिखाएं, ताकि वह भावनाओं को नियंत्रित करना सीखे। तभी वह हाइपर मूड वाला नहीं बनेगा। सर्कैडियन रिदम शरीर में होने वाले मानसिक, व्यवहारिक और शारीरिक परिवर्तनों को प्रभावित करता है, इसका ध्यान रखना भी आपका ही काम है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि डिनर के बाद बच्चा टीवी या गैजेट्स का इस्तेमाल न करे। अगर पैरेंट्स स्मोकिंग करते हैं तो इसको घर में न लाएं और बच्चे के सामने इसका सेवन न करें। इससे बच्चा पेसिव-स्मोकिंग की चपेट में नहीं आएगा और बीमारियों से बचेगा, साथ ही बड़ा होकर इसकी ओर आकर्षित नहीं होगा।

एक्टिव नेस को आदत बनाएं

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रमेश चौधरी कहते है, सबसे पहले माता-पिता को संयमित जीवन-शैली अपनाने की जरूरत है। भले ही आप जितनी भी व्यस्त हों, बच्चों को घर का बना खाना ही खिलाएं। बच्चों को फैमिली एक्टिविटी में शामिल करें। उन्हें रोजाना सुबह-शाम पार्क में लेकर जाएं और आउटडोर फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें। उनके साथ बैडमिंटन आदि गेम्स खेलें। उन्हें दोस्तों के साथ खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उन्हें एक्टिव रहने की आदत पड़ेगी, वे स्वस्थ रहेंगे और उनकी क्वॉलिटी ऑफ लाइफ अच्छी होगी।

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