Bachpan Children's Hospital

बच्चों में खून की कमी के 5 मुख्य कारण

बच्चों में खून की कमी यानी एनीमिया (Anaemia) आजकल बहुत आम समस्या बन चुकी है। छोटे बच्चों में यह कमी अक्सर धीरे-धीरे होती है, इसलिए माता-पिता को शुरुआत में इसका पता नहीं चलता। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह बच्चे की विकास दर (growth), सीखने की क्षमता (learning ability) और इम्यूनिटी (प्रतिरक्षा शक्ति) को प्रभावित कर सकती है।

बच्चों में खून

आइए जानते हैं बच्चों में खून की कमी के 5 सबसे आम कारण —


1️⃣ Nutritional Anaemia (पोषण संबंधी एनीमिया)

अक्सर देखा गया है कि कई माता-पिता अपने बच्चे को 1 साल तक केवल दूध ही देते रहते हैं।
दूध में आयरन (Iron) की मात्रा बहुत कम होती है, जिससे शरीर में खून बनने के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

👉 क्या करें:

  • बच्चे को 6 महीने की उम्र के बाद कंप्लीमेंट्री फीडिंग शुरू करनी चाहिए।
  • आयरन से भरपूर आहार जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, अंडा, गुड़, चुकंदर और सूखे मेवे बच्चे के खाने में शामिल करें।
  • गाय का दूध बहुत अधिक मात्रा में न दें, क्योंकि यह आयरन के अवशोषण (absorption) को कम करता है।

2️⃣ Anaemia of Infancy (शैशवावस्था का एनीमिया)

नवजात शिशु के शरीर में जन्म के समय जो आयरन का स्टोर होता है, वह लगभग 6 महीने तक ही पर्याप्त रहता है।
इसके बाद अगर बच्चे को अतिरिक्त आयरन नहीं दिया गया तो खून की कमी शुरू हो सकती है।

👉 क्या करें:

  • 4 से 5 महीने की उम्र से ही डॉक्टर की सलाह अनुसार आयरन ड्रॉप्स देना शुरू करें।
  • Exclusive breastfeeding 6 महीने तक करें, लेकिन उसके बाद पूरक आहार शुरू करें।
  • नियमित रूप से डॉक्टर से बच्चे की हेमोग्लोबिन जांच करवाएं।

3️⃣ Worm Infestation (पेट में कीड़े होना)

छोटे बच्चे अक्सर मिट्टी या गंदी चीजें मुंह में डाल लेते हैं।
इससे उनके पेट में कीड़े (worms) पड़ जाते हैं जो शरीर से खून और पोषक तत्व चूस लेते हैं, जिससे धीरे-धीरे एनीमिया हो जाता है।

👉 क्या करें:

  • हर 6 महीने में बच्चे को deworming medicine (कीड़े मारने की दवा) डॉक्टर की सलाह अनुसार दें।
  • बच्चों को साफ-सफाई की आदतें सिखाएं — जैसे खाने से पहले हाथ धोना, नाखून छोटे रखना आदि।
  • खुला खाना या मिट्टी में खेलने के बाद तुरंत सफाई करवाएं।

4️⃣ Genetic Causes (अनुवांशिक कारण)

कुछ बच्चों में खून की कमी वंशानुगत (genetic) कारणों से होती है, जैसे —
सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) या थैलेसीमिया (Thalassemia)
ये स्थितियां परिवार से बच्चे में आती हैं और जन्म से ही मौजूद होती हैं।

👉 क्या करें:

  • यदि परिवार में किसी को ये बीमारियां हैं तो Prenatal Screening करवाना ज़रूरी है।
  • बच्चे का हेमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट डॉक्टर की सलाह पर कराएं।
  • नियमित निगरानी और उचित इलाज से इन बच्चों का जीवन सामान्य रह सकता है।

5️⃣ Blood Loss (खून का नुकसान)

कभी-कभी बार-बार खून निकलने जैसी स्थिति — जैसे नाक से खून आना, पेट में अल्सर, या किसी चोट के बाद खून बहना — भी एनीमिया का कारण बन सकती है।

👉 क्या करें:

  • बच्चे में बार-बार खून निकलने की कोई भी समस्या दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • आयरन और विटामिन C से भरपूर आहार दें ताकि शरीर जल्दी रिकवर करे।

कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखें तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) से संपर्क करें:

  • चेहरा और होंठ पीले दिखना
  • थकान या सुस्ती रहना
  • बार-बार चक्कर आना
  • भूख कम लगना
  • ध्यान केंद्रित न कर पाना

🏥 Bachpan Hospital की सलाह

“बच्चे का सही विकास तभी संभव है जब उसके शरीर में पर्याप्त खून और पोषक तत्व हों।”

Bachpan Hospital में हम बच्चों की हर उम्र के अनुसार growth monitoring, iron supplementation, और nutrition counselling करते हैं ताकि आपका बच्चा स्वस्थ और सक्रिय रह सके।


निष्कर्ष

बच्चों में खून की कमी को नज़रअंदाज़ न करें।
संतुलित आहार, साफ-सफाई और समय पर चिकित्सा से एनीमिया को पूरी तरह रोका जा सकता है।

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